डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी | Dr. APJ Abdul Kalam Biography
1. परिचय (Introduction)
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वे न केवल एक महान वैज्ञानिक थे, बल्कि भारत के 11वें राष्ट्रपति भी बने। उनकी सादगी, कड़ी मेहनत, और प्रेरणादायक विचारों ने उन्हें "मिसाइल मैन ऑफ इंडिया" और "जनता के राष्ट्रपति" के रूप में प्रसिद्धि दिलाई।
2. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life and Education)
अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन एक नाविक थे और माँ आशियम्मा एक गृहिणी थीं। बचपन से ही वे पढ़ाई में रुचि रखते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए उन्होंने अखबार बेचकर अपनी शिक्षा जारी रखी।
उन्होंने श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
3. वैज्ञानिक करियर (Scientific Career)
डॉ. कलाम ने अपने करियर की शुरुआत DRDO (Defence Research and Development Organisation) में एक वैज्ञानिक के रूप में की, लेकिन बाद में ISRO (Indian Space Research Organisation) से जुड़ गए।
1980 में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें "मिसाइल मैन ऑफ इंडिया" कहा जाने लगा।
पोखरण-2 परमाणु परीक्षण (1998) में अहम योगदान दिया, जिससे भारत एक परमाणु शक्ति बना।
4. राष्ट्रपति कार्यकाल (Presidency: 2002-2007)
डॉ. कलाम 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। वे ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने राजनीति से अधिक विज्ञान और युवाओं को प्रेरित करने पर ध्यान दिया। उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए छात्रों और युवा पीढ़ी से सीधा संवाद किया और उन्हें बड़े सपने देखने और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
5. विचार और प्रेरणादायक कथन (Thoughts and Inspirational Quotes)
डॉ. कलाम के विचार हमेशा प्रेरित करते हैं। उनके कुछ प्रसिद्ध कथन हैं:
"सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।"
"यदि आप असफल होते हैं, तो कभी हार न मानें क्योंकि FAIL का मतलब ‘First Attempt In Learning’ होता है।"
"सफलता की कहानियां मत पढ़ो, क्योंकि उनसे तुम्हें केवल एक संदेश मिलेगा। असफलता की कहानियां पढ़ो, वे तुम्हें सफल होने का रास्ता दिखाएंगी।"
6. डॉ. कलाम का अंतिम समय (Final Days)
27 जुलाई 2015 को, जब वे शिलांग में आईआईएम (IIM Shillong) में एक व्याख्यान दे रहे थे, तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु पर पूरा देश शोक में डूब गया।
7. निष्कर्ष (Conclusion)
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए मेहनत, धैर्य और समर्पण कितना जरूरी है। उनका जीवन संघर्षों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों युवाओं को प्रेरित करती हैं। वे हमेशा भारत के "मिसाइल मैन" और "जनता के राष्ट्रपति" के रूप में याद किए जाएंगे।
"उनका जीवन एक संदेश है – सपने देखो, मेहनत करो और कभी हार मत मानो!"
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के विचारों से प्रेरित होकर, अगर आप और महान व्यक्तियों की जीवनी पढ़ना चाहते हैं, तो इस लेख को देखें: Biographies
Vist My YouTube Channel - Duniya Gk Dekh
Comments
Post a Comment