3000 रुपये लीटर ऊंट का दूध बेचकर करोड़ों कमा रहे हैं लोग | Why Camel Milk Is So Expensive

 

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Camel Milk: ऊंटनी का दूध. सुन कर थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन इसका दाम सुनकर आप दंग रह जाएंगे. भारत ही नहीं, दुनिया के उन तमाम देशों में जहां ऊंट-ऊंटनी का पालन होता है, वहां हमेशा दूध (Camel milk) के दाम चढ़े रहते हैं. सीजन से इसका कोई खास मतलब नहीं. औसतन देखें तो एक लीटर के लिए 2-2.5 हजार रुपये (30 डॉलर) के आसपास चुकाने होते हैं. अगर गाय के दूध से तुलना करें तो यह 30 गुना ज्यादा तक महंगा होता है.

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ऊंटनी का दूध (Camel milk) हाल के वर्षों में प्रचलन में आया है. या इसके दूध से कुछ ही डेयरी प्रोडक्ट बनते होंगे. ऊंटनी का दूध सैकड़ों साल से इस्तेमाल में आ रहा है. कह सकते हैं कि जब गाय-भैंस का दूध लोग कम उपयोग करते थे. उससे पहले ऊंटनी के दूध का भरपूर इस्तेमाल होता था. इसके दूध से मक्खन, दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट बनाए जाते हैं जिसकी मांग बहुत है. गाय के दूध से कई गुना ज्यादा कीमतों पर ऊंटनी के दूध और दुग्ध उत्पाद बिकते हैं. सवाल है कि ऐसा क्या है जो ऊंटनी का दूध इतना महंगा बिकता है?

300 टन ऊंटनी के दूध का उत्पादन

ऊंट का दूध हो सकता है कि गाय के दूध जितना प्रचलित और मशहूर न हो. एक आंकड़े के मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल 6000 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन होता है. इसमें हर साल मात्र 300 टन दूध ही ऊंटनी (Camel milk) का होता है. कम उत्पादन के बावजूद पूरे अफ्रीका और मध्य पूर्व में ऊंटनी के दूध की बहुत मांग है और लोग इसका उपयोग बहुतायत में करते हैं. इन देशों में कुछ समूह तो ऐसा है जो पूरी तरह से ऊंटनी के दूध पर ही निर्भर है. उसे गाय या भैंस का दूध नहीं चाहिए क्योंकि यह उनकी संस्कृति में शामिल है.

सोमालिया-केन्या में सबसे ज्यादा प्रोडक्शन

सोमालिया और केन्या जैसे देश में 64 परसेंट ऊंटनी का दूध (Camel milk) पैदा किया जाता है. दुबई के फार्म में 6 हजार से ज्यादा ऊंट-ऊंटनियों का पालन होता है. यहां 40 लाख लीटर ऊंटनी के दूध का उत्पादन होता है. मध्य पूर्व के लोग दूध के अलावा परिवहन और खाद्य पदार्थों के लिए ऊंटों पर पूरी तरह से निर्भर हैं. यहां के लोगों का मुख्य डायट ऊंटनी का दूध और खजूर है. ये दोनों चीजें यहां के लोगों के इतिहास में शामिल हैं. आबादी बढ़ने के साथ ऊंटनी के दूध की मांग भी तेजी से बढ़ रही है.

मध्य पूर्व की बात करें ऊंटनी के दूध की मांग तेजी से बढ़ रही है लेकिन उस हिसाब से सप्लाई नहीं है. सप्लाई और डिमांड में भारी अंतर देखा जा रहा है. इस वजह से दूध के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस बीच कोरोना के चलते ऊंटनी का दूध सबसे कारगर हेल्थ फूड का जरिया बनकर उभरा है.

माना जा रहा है कि कोरोना के खिलाफ ऊंटनी का दूध (Camel milk) बहुत फायदेमंद होता है. लोग इसके खूब खरीदना चाहते हैं क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत कम होती है. अन्य दूध की अपेक्षा इसमें 10 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है, पोटेसियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इन फायदों की वजह से दुनिया के कई लोग ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल वैकल्पिक दवा के तौर पर करते हैं. हालांकि अभी इसका कोई वैज्ञानिक आधार प्राप्त नहीं हो सका है.

क्यों है इतना महंगा

आजकल ऑनलाइन की दुनिया में मशहूर लोग ऊंटनी के दूध (Camel milk) का खूब समर्थन करते हैं. इनमें हॉलीवुड सेलिब्रिटी किम कार्डाशियां का नाम भी शामिल है. इस लोकप्रियता को देखते हुए दुनिया भर के देशों में ऊंटनियों के फार्म खुल रहे हैं, लेकिन अभी इसका प्रचार कम है. यूरोप में 12 हजार गायों पर केवल एक ऊंटनी पाई जाती है.

एक सवाल ये भी है कि अगर ऊंटनी का पालन शुरू कर दें तो क्या दूध का बिजनेस शुरू कर सकते हैं? ऊंटनी का दूध निकालना बहुत बड़ा काम है, वह भी सुबह-शाम दो बार. अगर कोई बड़ा फार्म हो और उसमें कई ऊंटनियों को पाला जा रहा हो, तो दूध निकालना और उसका बिजनेस करना अपने आप में बड़ी चुनौती है. इस काम में कई लोगों को शामिल करना होता है.

दूध देने के लिए ऊंटनी की ट्रेनिंग

ऊंटनियां जब किसी नए फार्म में आती हैं तो पहले उन्हें क्वारनटीन में रखा जाता है. फिर बीमारियों की जांच होती है. इन सभी प्रक्रियाओं के बाद ऊंटनियों को दूध देने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. शुरू में ऊंटनियां इसके लिए तैयार नहीं होती हैं क्योंकि उन्हें खुले में रहने और खुले में ही दूध देने की आदत होती है. लेकिन बिजनेस के तौर पर अगर यह काम करना है तो उसके लिए पूरी ट्रेनिंग देनी होती है.

ऊंटनियों का दूध ज्यादा मात्रा में तभी निकाल सकते हैं, जब आसपास का वातावरण बिल्कुल शांत हो. ऊंटनियों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाती है कि बिना बछड़े के वे दूध द सकें. हर ऊंटनी एक दूसरे से अलग होती है. ट्रेनिंग देने के बाद ही सबको एक जैसे दूध देने के लिए तैयार किया जाता है.

बहुत मुश्किल है दूध निकालना

ऊंटनी कितना दूध (Camel milk) देती है, यह पूरी तरह से उसकी ट्रेनिंग और खान-पान पर निर्भर करता है. एक दिन में औसतन एक गाय 50 लीटर तक दूध दे सकती है, जबकि ऊंटनी 6-7 लीटर तक दूध देती है. 3 साल में एक गाय 50 हजार लीटर तक दूध दे सकती है, जबकि ऊंटनी इसी अवधि में अधिकतम 4-7 हजार लीटर दूध दे सकती है.

डेयरी इंडस्ट्री में ऊंटनियों से ज्यादा दूध (Camel milk) लेना है तो उसके बछड़े को बगल में हमेशा रखना होता है. अगर ऊंटनी से कम से कम 7 लीटर दूध रोज लेना है तो जरूरी है कि ऊंटनी और उसका बछड़ा एक साथ रहें. ऊंटनी का दूध इसलिए भी महंगा होता है क्योंकि उसका चारा और दाना बहुत महंगा आता है. ज्यादा दूध देने के लिए अल्फाअल्फा, हे और गेहूं की दलिया दी जाती है.

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